The Basic Principles Of sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
Siddha Kunjika Strotam Positive aspects incorporate blessing a single who chants with complete devotion with absolutely good overall health.
aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ 5 ॥
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
This Mantra holds fantastic importance In regards to attaining a blissful mental point out and spiritual expansion.
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि